Repo Rate News Today
इस कमेटी में छह
में से पांच लोगों ने इस बात पर एग्री
किया कि रेपो रेट अनचेंज्ड ही रहना चाहिए
इसके साथ ही आरबीआई ने विड्रॉल ऑफ
अकोमोडेशन को भी सेम ही रखने का फैसला
लिया है अगर यह टर्म आपके लिए थोड़ा नया
हो तो थोड़ा एक्सप्लेन कर देते हैं
विड्रॉल ऑफ अकोमोडेशन
विड्रॉल ऑफ अकोमोडेशन का मतलब है एक ऐसी
मनी पॉलिसी जो कि आरबीआई ने कोविड के टाइम
पर अडॉप्ट किया था जिसका मोटिव था कि
इकॉनमी में सब्सटेंशियल मनी प्रोवाइड करती
रही जा सके जिससे कि इकॉनमी चलती रहे तो
इसको भी आरबीआई ने सेम रखा है
जिससे कि
इंफ्लेशन को 4 पर से नीचे रखा जा सके इसके
साथ ही आरबीआई गवर्नर ने यह भी बताया कि
फाइनेंशियल ईयर 2023 24 के लिए जीडीपी
ग्रोथ भी 7 पर तक रहने का अनुमान है
इसके
पहले आरबीआई ने 6.5 ग्रोथ रहने का अनुमान
लगाया था उन्होंने यह भी कहा कि 2024 25
की पहली तिमाही के लिए वास्तविक जीडीपी
ग्रोथ
6.7 दूसरी तिमाही में 6.5 और तीसरी तिमाही
में 6.4 प्र रहने का अनुमान है
भारतीय
रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को पिछले कई बैठक
से 6.5 फ पर स्थिर रखा है एक एक्सपर्ट
फाइनेंशियल ईयर 2023 24 की पांचवीं बैठक
में भी रेपो रेट को स्थिर रखने का अनुमान
ही लगा रहे थे कुछ एक्सपर्ट्स का तो यहां
तक कहना है कि सेंट्रल बैंक जून 2024 तक
रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने वाला है
क्योंकि आरबीआई का टारगेट इंफ्लेशन रेट को
4 पर से नीचे लाना है रेपो रेट वह दर होता
है जिस पर रिजर्व बैंक का अन्य बैंकों को
लोन देता है और इस पैसे को बैंक लोगों में
कर्ज के तौर पर देते हैं इस कारण जब भी
रेपो रेट में बदलाव होता है तो सीधे लोन
की ईएमआई पर असर पड़ता है
यानी अगर रेपो
रेट में बढ़ोतरी होती है तो लोन की ईएमआई
भी बढ़ती है इसीलिए जिनके भी लोन चल रहे
हैं उनकी खास नजर होती है रेपो रेट पर
इसके साथ ही साथ रेपो रेट का यूज इंफ्लेशन
को कंट्रोल करने के लिए भी किया जाता है
जब भी महंगाई बढ़ती है तो रेपो रेट को
बढ़ा दिया जाता है जिससे कि इकॉनमी में
मनी सप्लाई कम हो और इस तरह से इंफ्लेशन
को रोका जा सके तो आपका इसमें क्या
ओपिनियन है हमें कमेंट सेक्शन में जरूर
बताइएगा आज के लिए इतना ही थैंक्स फॉर
वाचिंग